Tuesday, June 26, 2018

प्रिय Sagar Media Inc,

मुंबई के सेंट जॉर्जस अस्पताल के मुर्दाघर में लाशों को सीमेंट की बोरियों की तरह रखा जाता था। मुर्दाघर में ना रोशनी थी और ना ही कोई खिड़की, इसकी छत से पानी टपकता था।

62 साल की रेणु ने मृत्यु के बाद मानव शरीर के इस अपमान के खिलाफ जब आवाज़ उठाई तो वो अकेली थीं।

Change.org/hindi पर इस मुद्दे को लेकर रेणु ने जब अपनी पेटीशन शुरू की तो उनके साथ हज़ारों लोग खड़े हो गये।

शुरू होने के एक महीने के भीतर ही सरकार और अस्पताल प्रशासन को एक आम आदमी की इस पेटीशन के आगे झुकना पड़ा और जवाब देना पड़ा।

5 जून को महाराष्ट्र के मेडिकल एजुकेशन और ड्रग्स डिपार्टमेंट ने मुर्दाघर की खस्ता हालत को तुरंत ठीक कराने का भरोसा दिया और नए मुर्दाघर के निर्माण का वादा किया।

रेणु की तरह ही आपके आसपास ऐसी समस्याएं होंगी, ऐसे मुद्दे होंगे जिनके लिए आप आवाज़ उठाना चाहते होंगे। आप Change.org/hindi पर ऐसा बड़ी आसानी से कर सकते हैं।

चाहे वो महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा हो या आपके गांव या शहर में बिजली, पानी या सड़क का। Change.org/hindi आपका अपना मंच है, जहां अपनी मातृभाषा हिंदी में आप किसी भी मुद्दे पर पेटीशन शुरू कर सकते हैं।

रेणु की तरह आप अपनी पेटीशन से क्या बदलना चाहते हैं?

आज ही शुरू करें अपने मुद्दे पर अपनी पेटीशन!

Change.org हिंदी से जुड़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।

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